गुण

जैसे तेल आग में जलता है, तो पानी आग बुझाता है।। वैसे ही एक व्यक्ति जलता है, दूसरा मल्हम लगाता है।। अर्थात गुण और चरित्र भिन्न है…

नैनों

नैनो से होकर जो बात , जुबां में आए वो है,,बानी,,। पतझड़ के बाद , बागों में बहार आए। वो मौसम की है रवानी।। चार लोग बैठें चर्चा में, इतिफाक चार चाँद लग जाए।। समझ लो वो तेरी -मेरी कहानी है…