नजर

नजर ही नजर में, मुझे उस नजर की तलाश है।। परंतु ये नजर, ओ नजर नहीं।। मुझे जिस नजर की, तलाश है।।…

जैसे

जैसे सूर्य की किरण से कलि में फूल खिल जाती है। वैसे ही नजरों से नजर मिलते ही बात जुबां की दिल मे उतर आती है …